अपानवायु मुद्रा विधि - अँगूठे के पास वाली पहली उँगली को अँगूठे के मूल में लगाकर अँगूठे के अग्रभाग की बीच की...
वायु मुद्रा
वायु मुद्रा विधि - तर्जनी अर्थात प्रथम उँगली को मोड़कर ऊपर से उसके प्रथम पोर पर अँगूठे की गद्दी स्पर्श कराओ। शेष...
प्राण मुद्रा
प्राण मुद्रा विधि - कनिष्ठिका, अनामिका और अँगूठे के ऊपरी भाग को परस्पर एक साथ स्पर्श करायें। शेष दो उँगलियाँ सीधी रहें।...
वरुण मुद्रा
वरुण मुद्रा विधि - मध्यमा अर्थात सबसे बड़ी उँगली के मोड़ कर उसके नुकीले भाग को अँगूठे के नुकीले भाग पर...
ज्ञान मुद्रा
ज्ञान मुद्रा प्रातः स्नान आदि के बाद आसन बिछा कर हो सके तो पद्मासन में अथवा सुखासन में बैठें। पाँच-दस...
सूर्यमुद्रा
सूर्यमुद्रा प्रातः स्नान आदि के बाद आसन बिछा कर हो सके तो पद्मासन में अथवा सुखासन में बैठें। पाँच-दस...
पृथ्वी मुद्रा
पृथ्वी मुद्रा प्रातः स्नान आदि के बाद आसन बिछा कर हो सके तो पद्मासन में अथवा सुखासन में बैठें। पाँच-दस...
शून्य मुद्रा
शून्य मुद्रा प्रातः स्नान आदि के बाद आसन बिछा कर हो सके तो पद्मासन में अथवा सुखासन में बैठें। पाँच-दस...
लिंग मुद्रा
लिंग मुद्रा प्रातः स्नान आदि के बाद आसन बिछा कर हो सके तो पद्मासन में अथवा सुखासन में बैठें। पाँच-दस...