महान बनने की मधुमय युक्ति
सुबह जब नींद खुले तो संकल्प करें कि आज का दिन तो आनंद में जायेगा । मुझे आत्मविद्या पानी है, योगविद्या सीखनी है । खुद का नाम लेना है । समझ लो मेरा नाम मोहन है । सवेरे उठकर खुद को कहना : ‘मोहन !’
बोले : ‘हाँ बापूजी !’ मान लो कि बापूजी अपने साथ बात कर रहें हैं ।
‘तुझे क्या चाहिए ?’
‘मुझे तो आत्मविद्या, योगविद्या और लौकिकविद्या तीनों को पाना है ।’ शांति, आनंद… कुछ न करें । फिर संकल्प करें : ॐ… हरि ॐ ॐ ॐ… हरि ॐ… शक्ति, भक्ति, योग्यता हरि ॐ… हरि ॐ… हरि ॐ…’ फिर थोड़ा ध्यान करके हथेलियों को देखकर बिस्तर छोड़ें । इससे तीनों विद्याओं में प्रगति होगी ।
2 thoughts on “महान बनने की मधुमय युक्ति”
Atma khajana kholne ki asli kunji
Adbhut jankari hai