शीतल शरबत व छाछ वितरण
ग्रीष्मकाल में सूर्य की तीक्षण किरणें शरीर में स्थित जलीय व स्निग्ध अंश को अवशोषित करती हैं, जिससे रस, रक्त व शुक्र धातुएँ क्षीण होती हैं एवं वायु का संचय तथा कफ का क्षय होता है । इससे शारीरिक बल घटता है तथा जठराग्नि व रोगप्रतिरोधक क्षमता भी घटने लगती है । सभी ऋतुओं में शरीर को सर्वाधिक दुर्बल बनाने वाली ऋतु है ग्रीष्म ऋतु ।
महिला उत्थान मंडल की बहनें प्रतिवर्ष ग्रीष्मकाल में व अक्षय तृतीया, निर्जला एकादशी, अमावस्या आदि शुभ तिथियों पर तपती धूप में सफर कर रहे राहगीरों के लिए पलाश शरबत, गुलाब शरबत, छाछ आदि का वितरण करते हैं ।